Property Rules : बिना वसीयत के संपत्ति का उत्तराधिकारी कौन होगा, यह जानना जरूरी है। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत कानूनी उत्तराधिकारी को वर्ग 1 और वर्ग 2 के आधार पर संपत्ति दी जाती है। यदि उत्तराधिकारी नहीं है, तो संपत्ति राज्य को दी जा सकती है। वसीयत बनाने से संपत्ति का सही बंटवारा सुनिश्चित होता है।
अक्सर लोग अपनी मृत्यु के बाद अपनी संपत्ति किसके पास जाएगी, यह तय करने के लिए वसीयतनामा बनाते हैं। वसीयतनामा होने से संपत्ति का बंटवारा आसानी से हो जाता है और किसी तरह के झगड़े की संभावना कम हो जाती है। लेकिन कई बार लोग वसीयत बनाना भूल जाते हैं या इसे बाद के लिए छोड़ देते हैं। ऐसे में जब कोई व्यक्ति बिना वसीयत के मर जाता है तो उसकी संपत्ति का क्या होगा, यह सवाल उठता है।
भारत में अलग-अलग धर्मों के लोगों के लिए अलग-अलग कानून हैं जो बताते हैं कि अगर कोई वसीयत नहीं है तो संपत्ति किसके पास जाएगी। जैसे कि हिंदू धर्म के लोगों के लिए हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम है। इस अधिनियम में बताया गया है कि अगर कोई हिंदू व्यक्ति बिना वसीयत के मर जाता है तो उसकी संपत्ति उसके परिवार के सदस्यों में कैसे बंटेगी। ये नियम पुरुषों और महिलाओं के लिए थोड़े अलग हो सकते हैं।
यानी, अगर कोई वसीयत नहीं है तो भी भारत के कानून के अनुसार संपत्ति का बंटवारा हो जाएगा, लेकिन यह बंटवारा उस व्यक्ति की मर्जी के अनुसार नहीं होगा, बल्कि कानून के अनुसार होगा। इसलिए अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने और अपने परिवार के भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए वसीयतनामा बनाना बहुत जरूरी है।
पुरुष के लिए उत्तराधिकार नियम
अगर किसी पुरुष की मृत्यु बिना वसीयत छोड़े होती है, तो उसकी संपत्ति उसके कानूनी उत्तराधिकारियों के बीच बांटी जाती है। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार, संपत्ति के उत्तराधिकार के लिए कानूनी उत्तराधिकारियों को वर्ग 1 और वर्ग 2 में विभाजित किया गया है।
- वर्ग 1 उत्तराधिकारी: इसमें मृतक के बेटे, बेटी, पत्नी, और माता-पिता आते हैं। अगर मृतक विवाहित है और उसने वसीयत नहीं बनाई है, तो उसकी संपत्ति उसके पत्नी, बेटा और बेटी में समान रूप से बांटी जाएगी। उदाहरण के लिए, यदि व्यक्ति अविवाहित था, तो उसकी संपत्ति उसकी माँ को दी जाएगी।
- वर्ग 2 उत्तराधिकारी: अगर मृतक का कोई वर्ग 1 उत्तराधिकारी नहीं है, तो संपत्ति वर्ग 2 के उत्तराधिकारियों में बांटी जाएगी। इसमें भाई, बहन और पिता शामिल होते हैं। उदाहरण के लिए, अविवाहित पुरुष के मामले में, उसकी संपत्ति उसके भाई, बहन और पिता में बांटी जाएगी।
महिला के लिए उत्तराधिकार नियम
किसी महिला की मृत्यु के बाद, अगर वसीयत नहीं है तो उसकी संपत्ति उसके पति, बेटे और बेटी में बांटी जाएगी। यदि उसका कोई संतान नहीं है, तो संपत्ति उसके पोते के पास जाएगी। यदि महिला अविवाहित है, तो उसकी संपत्ति उसके माता-पिता को दे दी जाएगी।
बिना उत्तराधिकारी के संपत्ति का क्या होता है
अगर किसी व्यक्ति के पास कानूनी उत्तराधिकारी नहीं है और कोई वसीयत भी नहीं है, तो उसकी संपत्ति को सरकार द्वारा अधिगृहित किया जा सकता है। यह प्रक्रिया ‘एस्क्याट’ कहलाती है, जिसमें संपत्ति राज्य के नियंत्रण में आ जाती है।