Property Rules: भारत में दामाद को विशेष सम्मान दिया जाता है. जब भी वह ससुराल आता है, तो घर में खास तैयारियां की जाती हैं. कई परिवार अपने दामाद को बेटे के समान प्यार और इज्जत देते हैं. लेकिन एक बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या दामाद को ससुराल की संपत्ति में कोई हक मिलता है?
हाई कोर्ट का अहम फैसला
हाल ही में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने एक महत्वपूर्ण मामले में फैसला सुनाया. कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि दामाद अपने ससुराल की संपत्ति पर दावा (son-in-law cannot claim father-in-law’s property) नहीं कर सकता. यदि सास-ससुर अपनी संपत्ति में दामाद को कोई हिस्सा देना चाहें, तो यह उनका व्यक्तिगत निर्णय होगा.
मामला क्या था?
भोपाल के रहने वाले दिलीप मरमठ (Bhopal resident Dilip Marmath) अपने ससुर के घर में रहते थे (living in father-in-law’s house). जब ससुर ने उन्हें घर छोड़ने के लिए कहा (father-in-law asked son-in-law to vacate house), तो उन्होंने घर पर अपना हक जताना शुरू कर दिया (son-in-law claimed rights on in-laws’ house). मजबूर होकर बुजुर्ग ससुर को कोर्ट की मदद लेनी पड़ी (father-in-law approached court for eviction).
कोर्ट का आदेश
कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि ससुराल में रहने की अनुमति (permission to live in in-laws’ house) का मतलब संपत्ति पर अधिकार नहीं होता. अदालत ने कहा कि यदि सास-ससुर संपत्ति को दामाद के नाम से खरीदते हैं (in-laws purchase property in son-in-law’s name), तो ही वह कानूनी रूप से संपत्ति पर दावा (legal claim on in-laws’ property) कर सकता है.
क्या दामाद ससुराल की संपत्ति पर दावा कर सकता है?
कानूनी तौर पर दामाद को ससुराल की संपत्ति में कोई अधिकार नहीं (son-in-law has no legal rights on in-laws’ property) मिलता है. यदि सास-ससुर अपनी इच्छा से कोई संपत्ति दामाद के नाम पर करते हैं (if in-laws transfer property willingly), तभी वह उसका हकदार हो सकता है. लेकिन यदि सिर्फ रहने की अनुमति दी गई हो (temporary permission to stay), तो संपत्ति पर कानूनी अधिकार नहीं बनता (no legal rights without ownership transfer).
संपत्ति से जुड़े महत्वपूर्ण कानूनी पहलू
- भारतीय कानून के अनुसार, संपत्ति का मालिक वही होता है, जिसका नाम दस्तावेजों में दर्ज होता है (legal owner is the one whose name is on property documents).
- दामाद केवल तभी संपत्ति का दावा कर सकता है (son-in-law can claim property only if), जब संपत्ति उसके नाम से खरीदी गई हो या उपहार में दी गई हो (purchased or gifted in his name).
- ससुराल में रहने की अनुमति संपत्ति का स्वामित्व नहीं देती (permission to stay does not give ownership rights).
दामाद को संपत्ति में हिस्सेदारी कैसे मिल सकती है?
यदि सास-ससुर दामाद को संपत्ति में शामिल करना चाहते हैं (in-laws want to give property to son-in-law), तो उन्हें इसे कानूनी रूप से गिफ्ट डीड या वसीयत (property transfer through gift deed or will) के जरिए हस्तांतरित करना होगा.
ससुराल की संपत्ति पर दावा करने के नकारात्मक असर
- पारिवारिक संबंधों में तनाव बढ़ सकता है (family relations can be strained).
- कानूनी विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है (legal dispute may arise).
- ससुराल पक्ष आर्थिक रूप से असुरक्षित महसूस कर सकता है (in-laws may feel financially insecure).