पारंपरिक मीटरों की तुलना में स्मार्ट मीटर अधिक सुरक्षित होते हैं और इनमें गड़बड़ी की संभावना ना के बराबर होती है। कई बार पारंपरिक मीटरों में तकनीकी खामियां आ जाती थीं, जिससे उपभोक्ताओं को गलत बिलिंग की समस्या का सामना करना पड़ता था। लेकिन स्मार्ट मीटर में ऐसी कोई समस्या नहीं होगी क्योंकि यह पूरी तरह से डिजिटल तकनीक पर आधारित होगा और इसका डेटा सीधे बिजली विभाग के सर्वर पर स्टोर किया जाएगा।
स्मार्ट मीटर कैसे करेंगे काम?
स्मार्ट मीटर एक एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक मीटर होता है, जो उपभोक्ताओं की बिजली खपत को रियल टाइम में रिकॉर्ड करता है। यह मीटर इंटरनेट के माध्यम से बिजली विभाग के सर्वर से जुड़ा रहता है, जिससे उपभोक्ता अपने मोबाइल या कंप्यूटर से अपनी बिजली खपत को मॉनिटर कर सकते हैं। इससे पारंपरिक मीटर रीडिंग की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी और बिलिंग अधिक सटीक और पारदर्शी होगी।
बिजली बिल में होगी पारदर्शिता
स्मार्ट मीटर से बिजली बिल की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी हो जाएगी। पारंपरिक मीटरों में कई बार गलत रीडिंग दर्ज होने के कारण उपभोक्ताओं को अधिक बिल चुकाना पड़ता था, लेकिन स्मार्ट मीटर से यह समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। इससे उपभोक्ताओं की शिकायतें भी कम होंगी और बिजली विभाग को भी सही बिलिंग करने में आसानी होगी।
पूरे देश में लागू की जा सकती है यह योजना
हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई यह स्मार्ट मीटर योजना अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल साबित हो सकती है। यदि यह योजना सफल रहती है, तो अन्य राज्यों में भी इसे लागू किया जा सकता है। इससे पूरे देश में बिजली आपूर्ति को डिजिटल और पारदर्शी बनाया जा सकेगा।