TRAI New Rule change : दूरसंचार नियामक 1 दिसम्बर से नया नियम लागू किया है। यह नियम टेलीकॉम ऑपरेटर्स की सर्विस क्वालिटी सुधारने के लिए लाया जाएगा। नियमों के उल्लंघन होने पर भारी जुर्माने का प्रावधान है।
1 दिसम्बर से टेलीकॉम कंपनियों Airtel, BSNL, Jio और Vi के लिए सर्विस क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए नया नियम लागू किया है और कुछ करना अभी बाकी है। ट्राई ने टेलिकॉम कंपनियों के लिए 4G और 5G नेटवर्क को सुधारने के लिए सख्त क्वालिटी नॉर्म्स बनाए हैं। इनका उल्लंघन करने पर कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा टेलीकॉम ऑपरेटर्स को फर्जी SMS और कॉल पर लगाम लगाने की सख्त हिदायत दी है।
इससे पहले यह नियम 1 नवंबर से लागू होना था। टेलीकॉम ऑपरेटर्स द्वारा आ रही तकनीकी दिक्कतों के चलते यह फ़ैसला लिया गया है।
1 दिसम्बर से लागू होगा नियम
ट्राई ने एक्सेस सर्विस प्रोवाइडर्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स की मांग पर नए नियम को 1 दिसम्बर से लागू करने का फैसला लिया था। साथ ही, टेलीकॉम कंपनियों को अपनी कंप्लायेंस रिपोर्ट सबमिट करने की डेडलाइन भी दी है। इसके लिए दूरसंचार नियामक ने पिछले महीने 21 अगस्त को सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ मीटिंग की थी।
ट्राई ने हाल में नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा है कि सर्विस प्रोवाइडर की तरफ से अभी तक कोई भी इनपुट दर्ज नहीं किया गया है। इसके डेट पहले ही बढ़ा दी गई थी। ट्राई के नॉर्म के मुताबिक, बेंचमार्क मैच नहीं करने की स्तिथि में टेलीकॉम ऑपरेटर्स पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। इसमें मोबाइल सर्विस आउटेज को भी शामिल किया गया है।
निश्चित फॉर्मेट में सौंपे रिपोर्ट
दूरसंचार नियामक ने बताया कि वायरलेस और वायरलाइन एक्सेस सर्विस प्रोवाइडर्स से एक निश्चित फॉर्मेट में रिपोर्ट देने के लिए कहा था। तिमाही खत्म होते ही 15 दिन के अंतर उन्हें यह रिपोर्ट सौंपनी हती है। ट्राई की तरफ से जारी नए नॉर्म्स के बाद इस फॉर्मेट का इस्तेमाल वायरलेस और ब्रॉडबैंड सर्विस की क्वालिटी मापने के लिए किया जाएगा। कई यूजर्स ने कॉल ड्रॉप और क्वालिटी ऑफ सर्विस को लेकर नियामक को शिकायत की है।
लगेगा भारी जुर्माना
TRAI ने क्वालिटी ऑफ सर्विस (QoS) हासिल नहीं कर पाने वाले ऑपरेटर्स पर जुर्माने की रकम को भी बढ़ा दिया है। पहले यह जुर्माना 50 हजार रुपये तक लगता था, जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख रुपये तक कर दिया गया है। इसके अलावा नियामक ने अलग-अलग चीजों पर जुर्माने की रकम को बढ़ाने का भी फैसला किया है।
इसके अलावा नियामक ने अलग-अलग चीजों पर जुर्माने की रकम को बढ़ाने का भी फैसला किया है। सर्विस क्वालिटी मैच नहीं होने पर या फिर नियमों के उल्लंघन पर यह जुर्माना लगाया जाएगा।
क्यों लगाना चाहती है TRAI प्रतिबंध
कमर्शियल मैसेज पर लगाम लगाने के लिए भी ऐसा किया जा रहा था। बहुत सारे मैसेज में ओटीपी का एक्सेस हासिल कर लिया जाता है। इससे यूजर्स को काफी परेशानी होती थी। टेलीकॉम ऑपरेटर्स- एयरटेल, वोडाफोन, जियो ने मैसेज ब्लॉक करने में अपनी परेशानियों के बारे में बताया था। क्योंकि बहुत सारे टेलीमार्केटर इसके लिए तैयार नहीं थे। TRAI की तरफ से इस मामले को गंभीरता से लिया गया था। हालांकि अभी तक TRAI की तरफ से कोई नया मैसेज नहीं आया है।