यूपी में टोल टैक्स पर जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा है। बिना फास्टैग वाले वाहनों से लाखों रुपये वसूले जा रहे हैं। लेकिन एनएचएआइ को सिर्फ 25 हजार ही मिल रहे हैं। प्रतिमाह आठ हजार वाहन ऐसे होते हैं जिनमें फास्ट टैग नहीं होता है। बिलिंग एनएचएआइ के अधिकृत साफ्टवेयर टोलिंग मैनेजमेंट सिस्टम से नहीं होती थी। इन्हें अवैध साफ्टवेयर से बनी नकली रसीद दी जाती थी।
यूपी में टोल टैक्स पर जमकर हो रहा फर्जीवाड़ा
टोल प्लाजा पर अवैध साफ्टवेयर इंस्टाल कर करोड़ों रुपये का घोटाला करने वाले गिरोह में शामिल टोलकर्मी बिना फास्टैग वाहनों को एग्जेम्टेड श्रेणी में डाल देते थे। दरअसल, एनएचएआइ ने पांच प्रतिशत वाहनों को एग्जेम्टेड श्रेणी में डालने की सुविधा दे रखी है, अर्थात इन्हें बिना शुल्क लिए टोल से गुजरने की वैधानिक अनुमति प्राप्त है। इसमें वीआइपी या शासन-प्रशासन की तरफ से टोल फ्री सुविधा के लिए अनुमन्य वाहन शामिल होते हैं। विभागीय सूत्रों ने बताया कि गोरखपुर क्षेत्र में पड़ने वाले तेनुआ, नयनसर, शेरपुर चमरहा, भिटहा, बस्ती के चौकड़ी, मड़वानगर, कुशीनगर के सलेमगढ़, मुजहना सहित 15 टोल प्लाजा की तकनीकी विंग से जांच कराई जा रही है। चर्चा है कि टोल प्लाजा पर लगे कंप्यूटर में दूसरा साफ्टवेयर इंस्टाल कर टैक्स में खेल किया गया था।
टोल टैक्स वसूली में गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद जांच की गई। हालांकि कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। तकनीकी विशेषज्ञों की भी मदद ली जाएगी। इस मामले में 15 टोल प्लाजा को नोटिस भेजा गया है। एसटीएफ ने चार दिन पहले गोरखपुर-सोनौली मार्ग स्थित पीपीगंज के नयनसर टोल प्लाजा पर छापा मारा था। वहां से लैपटॉप व कुछ अन्य सामान जब्त हुए थे। इसके बाद बृहस्पतिवार को एनएचएआई के अफसरों ने गोरखपुर से अयोध्या के बीच तीन टोल प्लाजा पर जांच की।
फास्टैग वाहनों से वसूले लाखों रुपये, NHAI को मिले सिर्फ 25 हजार
एनएचएआइ की प्राथमिक जांच में इस टोल प्लाजा से प्रतिमाह बिना फास्टैग वाले करीब आठ हजार वाहनों की आवाजाही का अनुमान है। एनएचएआइ के इंजीनियरों के अनुसार गिरोह ने एक वाहन से औसतन 200 रुपये टोल राशि भी ली होगी तो आठ हजार वाहनों से वसूली धनराशि 16 लाख रुपये से अधिक होती है। लेकिन एग्जेम्टेड वाहनों की श्रेणी में एनएचएआइ के खाते में हर महीने सिर्फ 20 से 25 हजार रुपये ही जमा किया जाता था। विभागीय सूत्रों ने बताया कि गोरखपुर क्षेत्र में पड़ने वाले तेनुआ, नयनसर, शेरपुर चमरहा, भिटहा, बस्ती के चौकड़ी, मड़वानगर, कुशीनगर के सलेमगढ़, मुजहना सहित 15 टोल प्लाजा की तकनीकी विंग से जांच कराई जा रही है।
चर्चा है कि टोल प्लाजा पर लगे कंप्यूटर में दूसरा साफ्टवेयर इंस्टाल कर टैक्स में खेल किया गया था। फॉस्टैग से टैक्स वसूली में चल रहे खेल का खुलासा होने के बाद एनएचएआई के अफसरों ने गोरखपुर क्षेत्र के सभी 15 टोल प्लाजा तकनीकी विंग से जांच शुरू करा दी है। चेतावनी भी दी कि गड़बड़ी मिलने पर संबंधित लोगों के खिलाफ विधिक कार्रवाई होगी। इस फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड जौनपुर के आलोक कुमार ने पूछताछ में बताया है कि उसने देश भर के 14 राज्यों के 42 टोल प्लाजा में यह साफ्टवेयर इंस्टाल किया है। उसके दो दोस्तों सावंत एवं सुखान्तु भी ऐसा ही फर्जीवाड़ा कर रहे हैं और उनको भी मिला लें तो ऐसे टोल प्लाजा की संख्या लगभग 200 हो जाती है।