उत्तर प्रदेश में स्थित चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा विकसित किया जा रहा एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। यह एक्सप्रेसवे चार लेन का होगा, जिसमें भविष्य में छह लेन में विस्तार की संभावना भी है। चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को राष्ट्रीय राजमार्ग 135 से मिलाने का कार्य करेगा, जिससे चित्रकूट के निवासियों को विशेष लाभ प्राप्त होगा।इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 15.20 किलोमीटर निर्धारित की गई है। इससे न केवल चित्रकूट के लोगों के लिए यात्रा सुगम होगी, बल्कि यह क्षेत्र के औद्योगिक और आर्थिक विकास में भी सहायक सिद्ध होगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से यातायात की सुविधा बढ़ेगी और क्षेत्र में व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण क्षेत्र के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा, जिससे स्थानीय लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
जिला प्रशासन ने लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए तीन संभावित मार्गों का प्रस्ताव रखा है। इन मार्गों में ग्राम गोंडा, रामपुर माफी, भारतपुर तराव, भरथौल, मछरिहा, शिवरामपुर, सीमापुर रूलर, खुटहा, रानीपुर भट्ट और अहमदगंज शामिल हैं। जानकारी के अनुसार, चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे के लिए कुल 13 गांवों की 166.55 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। इसमें से 153.84 हेक्टेयर भूमि निजी स्वामित्व की है, जबकि 12.70 हेक्टेयर भूमि ग्राम सभा की है।
ताजा जानकारी के अनुसार, चित्रकूट जिले में किसानों से अब तक 115.06 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। इसका मतलब है कि अभी भी 31 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण शेष है। इस प्रक्रिया को तेज गति से पूरा करने के लिए संबंधित विभाग सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
इस भूमि अधिग्रहण में गोंडा, भारतपुर भैंसौंधा, रामपुर माफी, भारतपुर तरांव, भरथौल, मछरिहा, रानीपुर खाकी, शिवरामपुर, सीतापुर माफी, खुटहा, रानीपुर भट्ट, चकला राजरानी और अहमदगंज जैसे क्षेत्रों की भूमि शामिल है। प्रशासन ने इस प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया की शुरुआत भूमि अधिग्रहण के कार्य के पूर्ण होने के पश्चात की जाएगी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य अगले डेढ़ से दो वर्षों के भीतर इसे पूर्ण करना है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार चलता है, तो 2026 तक इस लिंक एक्सप्रेसवे पर वाहन तेज गति से चल सकेंगे।
यह एक्सप्रेसवे क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जिससे स्थानीय लोगों को बेहतर परिवहन सुविधाएं मिलेंगी। प्रशासन ने इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है, जिससे चित्रकूट और उसके आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि हो सकेगी।