UP News : उत्तर प्रदेश के इस जिले में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) पहले डिजिटल हाईवे का निर्माण करने जा रहा है। इस 101 किलोमीटर लंबे हाईवे को फोरलेन चौड़ा करने के साथ डिजिटल तकनीक से लैस किया जाएगा। 3 वर्ष में इसे पूरा करने की आशंका जताई है।
उत्तर प्रदेश में पहला डिजिटल हाइवे बनने जा रहा है। ये हाइवे बाराबंकी से बहराइच के बीच बनेगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी है। ये डिजिटल हाइवे 101 किलोमीटर लंबा होगा। इसे फोर लेन का बनाया जाएगा। हाइवे को आधुनिक तकनीक से लैस किया जाएगा। इसके किनारों पर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जाएगी। ये केबल डिजिटल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में मदद करेगी।
अभी ये हाइवे दो लेन का है
लखनऊ परियोजना निदेशक एनएचएआई सौरभ कनौजिया ने बताया कि डिजिटल राजमार्ग निर्माण के लिए बाराबंकी-बहराइच हाइवे को मंजूरी मिली गई है। अभी ये हाइवे दो लेन का है। अब चार लेन में तब्दील किया जाएगा। भूमि पैमाइश और सर्वे का काम शुरू हो चुका है। निर्माण-कार्य भी जल्दी शुरू होगा। इस हाइवे के फोर लेन बनने से क्षेत्र में यातायात सुविधाएं बेहतर होंगी। डिजिटल कनेक्टिविटी मजबूत होगी। ये प्रदेश का पहला ऐसा हाइवे होगा, जो पूरी तरह डिजिटल सुविधाओं से लैस होगा।
डिजिटल कनेक्टिविटी
डिजिटल हाइवे के तहत इसमें 24 घंटे नेटवर्क सुविधा, एनपीआर (नेशनल परमिट रजिस्टर) कैमरे और रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था रहेगी। हाइवे पर सुरक्षा को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जाएगी। कोशिश रहेगी कि हाइवे पर दुर्घटनाएं रोकी जाएं। रात के समय में रोड पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था रहने से लोगों को वाहनों को चलाने में आसानी होगी। डिजिटल हाईवे यात्रा को अधिक सुरक्षित और गाड़ियों की स्पीड को तेज करने में मदद करेगी। यात्रियों को आरामदायक सफर का आनंद मिलेगा।
सुरक्षा और तकनीक
आधुनिक सुविधाओं से लैस सड़कों को डिजिटल हाइवे का नाम दिया गया है। डिजिटल हाइवे या सड़कें ऐसे प्लेटफॉर्म होते हैं जो टेक्नोलॉजी, डेटा और कनेक्टिविटी का इस्तेमाल करके नेटवर्क को बेहतर बनाती हैं। इसमें हाइवे की डिजाइन, निर्माण और ऑपरेशन पर फोकस होता है। डिजिटल हाइवे में सेफ यात्रा, फास्ट डिलिवरी और बेहतर सफर का अनुभव मिलता है। प्रस्तावित बाराबंकी-बहराइच डिजिटल हाइवे आधुनिक रोड सेफ्टी सिस्टम से लैस होगा।
योजना के अनुसार, एनएच-927 कॉरिडोर के 101।54 किलोमीटर हिस्से को चार लेने में विकसित किया जाएगा। ये हाइवे लखनऊ, श्रावस्ती एयरपोर्ट, नेशनल हाइवे-27 और भारत-नेपाल सीमा से जुड़ेगा। इससे इन इलाकों की कनेक्टिविटी को नई रफ्तार मिलेगी।