उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे के निर्माण की स्पीड तेजी से बढ़ रही है. राज्य में चार नए एक्सप्रेसवे जिनमें चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे और गाजीपुर-बलिया लिंक एक्सप्रेसवे शामिल हैं का निर्माण जोरों पर है. इसके पूरे होने पर यूपी के एक्सप्रेसवे नेटवर्क में 958 किमी की बढ़ोतरी होगी जिससे यह 40 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी.
निर्माणाधीन और योजनाबद्ध एक्सप्रेसवे का हाल
वर्तमान में लखनऊ-कानपुर (63 किमी) और दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून (210 किमी) एक्सप्रेसवे जैसे महत्वपूर्ण परियोजनाएं एनएएचआई के अधीन हैं जबकि अन्य निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे यूपीडा के माध्यम से पूरे किए जा रहे हैं. ये एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के विकास के लिए नए द्वार खोलेंगे और राज्य के हर कोने तक आसान पहुंच देना है.
औद्योगिक विकास में एक्सप्रेसवे का योगदान
औद्योगिक विकास मंत्री गोपाल नंद गोपाल नंदी के अनुसार ये नए एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देंगे और नवनिर्मित दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे के माध्यम से दिल्ली से देहरादून तक सीधी कनेक्टिविटी स्थापित होगी. 14,285 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेसवे अगले साल तीन महीने में पूरा होने की उम्मीद है.
गंगा एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे पर 60 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और इसकी कुल लंबाई 598 किमी होगी, जो यूपी का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा. यह मेरठ से प्रयागराज तक जाएगा और भविष्य में वाराणसी तक विस्तारित किया जाएगा. यह एक्सप्रेसवे क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत करेगा और विकास के नए अवसर प्रदान करेगा.
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे की प्रगति
लखनऊ से कानपुर के बीच बन रहे एक्सप्रेसवे का निर्माण तेजी से चल रहा है और यह 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है. यह छह लेन का एक्सप्रेसवे भविष्य में आठ लेन में बदला जा सकता है, जो लखनऊ से कानपुर के बीच यात्रा को मात्र 45 मिनट में संभव बना देगा.