उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शारदीय नवरात्रि के अवसर पर प्रदेश के प्रमुख मंदिरों में दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती और अखंड रामायण के पाठ आयोजित करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश संस्कृति विभाग द्वारा जारी किया गया है और 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक चलने वाले नवरात्रि उत्सव के दौरान लागू रहेगा।
मुस्लिम उलेमाओं की प्रतिक्रिया
हालांकि, सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन बरेली ने इसे राजनीतिक कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यदि रमजान और मोहर्रम के समय भी इस तरह के निर्देश जारी होते हैं, तो यह सच में “सबका साथ, सबका विकास” की भावना को मजबूत करेगा। मौलाना ने सरकार से अपील की कि वह हिंदू और मुस्लिम दोनों के त्योहारों पर समान सहयोग प्रदान करे।
क्या कहते हैं आलोचक?
मौलाना शहाबुद्दीन बरेली का कहना है कि केवल एक धर्म विशेष के त्योहारों के लिए ऐसे फरमान जारी करना सरकार के धार्मिक कार्यक्रमों का राजनीतिकरण करने जैसा है। उनका मानना है कि ऐसा करना केवल हिंदू वोट बैंक को आकर्षित करने की रणनीति हो सकती है।
नवरात्रि के दौरान आयोजित धार्मिक कार्यक्रम
योगी सरकार ने नवरात्रि के दौरान दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती और अखंड रामायण के पाठ के आयोजन का जिम्मा जिला अधिकारियों को सौंपा है। ये धार्मिक आयोजन उन जिलों में होंगे जहाँ शक्तिपीठ और देवी मंदिर हैं। इन धार्मिक आयोजनों का मुख्य उद्देश्य लोगों के धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव को समृद्ध करना है।