UP Women Lakhpati Scheme:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के सकारात्मक परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में मनरेगा योजना के तहत महिलाओं की भागीदारी 42 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के 96 लाख से अधिक परिवारों की महिलाओं को शामिल किया गया है। यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
ग्राम स्तर पर डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए बीसी सखी योजना के तहत 39,556 बीसी सखी काम कर रही हैं, जिन्होंने अब तक 31,103 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय लेन-देन पूरा किया है। इसके जरिए महिलाओं ने 84.38 करोड़ रुपये का लाभांश अर्जित किया है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है।
2 लाख से अधिक महिलाएं बन चुकी हैं लखपति महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए चलाई जा रही लखपति महिला योजना के तहत 31 लाख से अधिक बहनों को चिह्नित किया गया है। इनमें से 2 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं।
इस योजना ने ग्रामीण महिलाओं को उद्यमिता और स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान किए हैं, जिससे वे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। इससे न सिर्फ खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को मजबूती मिलेगी, बल्कि हजारों महिलाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।
57 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में तैनात होंगी सूर्य सखी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में ये प्रयास महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल बन रहे हैं। सरकार की ये योजनाएं न सिर्फ ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैं, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर रही हैं।
योगी सरकार प्रदेश की सभी 57 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में एक-एक सूर्य सखी तैनात करेगी। इसके लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) के तहत लाखों महिलाओं द्वारा स्थापित उद्यमों को अब वितरित अक्षय ऊर्जा (डीआरई) उत्पादों से जोड़ा जाएगा। पहले चरण में 10 हजार उद्यमों को सौर ऊर्जा आधारित तकनीक से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे महिलाओं को स्थायी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
पहले चरण में 10 हजार उद्यमों को जोड़ा जाएगा
पहले चरण में 10 हजार उद्यमों को डीआरई उत्पादों से जोड़ने का प्रस्ताव है। यूपीएसआरएलएम के तहत ‘प्रेरणा ओजस’ नाम की एक कंपनी बनाई गई है, जो सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को सहयोग करेगी। यह कंपनी महिलाओं को सौर उत्पाद निर्माण, सोलर शॉप, क्लीन कुकिंग और अन्य क्षेत्रों में प्रशिक्षण देकर उद्यमिता से जोड़ रही है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूपीएनईडीए) के सहयोग से ‘सूर्य सखी’ कार्यक्रम भी शुरू किया गया है, जिसके तहत प्रदेश की 57,702 पंचायतों में से प्रत्येक में एक सूर्य सखी की नियुक्ति की जाएगी।