wheat price today : गेहूं के रेट लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अगर इनकी बढ़ौतरी पीछे की वजह से बारे में बात की जाए तो गेहूं का ऑफ सीजन होने की वजह से मार्केट में गेहूं की सप्लाई नहीं हो रही है। इसके चलते गेहूं के रेट (wheat price latest) लगातार आसमान छू रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सोयाबीन के रेटों में गिरावट देखने को मिल रही है। इसके कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आइये खबर में जानते हैं गेहूं व सोयाबीन सहित अन्य फसलों के ताजा भाव।
किसानों के लिए गेहूं के रेट (wheat price) में बढ़ोतरी होना इस समय सौगात से कम नहीं है। किसान गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी ऊंचे रेट पर गेहूं बेचकर तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं। उधर सोयाबीन के रेट गिरने से सोयाबीन की खेती करने वाले किसान कंगाली के कगार पर पहुंच गए हैं। सोयाबीन के भावों (soyabean price today) में यह उतार-चढ़ाव अगले कई दिनों तक बना रहने की संभावना है। गेहूं के रेट तो दिसंबर में रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच सकते हैं।
मध्य प्रदेश में यहां तक पहुंचे गेहूं के भाव
मध्य प्रदेश में गेहूं के रेट काफी ज्यादा हो गए हैं। वैसे तो इस समय देशभर की मंडियों व बाजारों में गेहूं का भाव 3100 रुपये प्रति क्विंटल (gehu ka taja bhav) के करीब चल रहा है। दक्षिण भारत में तो गेहूं के दाम 3500 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास हो गया है। यहां पर गेहूं उत्पादक राज्यों जैसे पंजाब व हरियाणा से गेहूं की सप्लाई नहीं हो रही है, केवल यूपी से थोड़ा बहुत गेहूं पहुंच रहा है। इस कारण आटे के दाम पर सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं। आटे के खुदरा रेट 45 रुपये किलो के करीब हैं वहीं गेहूं के खुदरा रेट (mandi rate today) भी 40 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास हैं। इनके थोक रेट क्रमश: 40 व 30 रुपये प्रति किलो पर ट्रेड कर रहे हैं।
गेहूं उत्पादक किसानों के चेहरे खिले
एमपी के राजगढ़, भोपाल, माहोबा आदि जिलों की बात करें तो यहां गेहूं के भाव ने 3100 रुपए क्विंटल (MP me gehu ka bhav) के आसपास हैं। इस बार सरकार की ओर से गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया हुआ है। लेकिन किसानों को प्रति क्विंटल गेहूं पर 700 रुपये के आसपास अधिक मुनाफा हो रहा है। यहां सोयाबीन के भाव स्थिर हैं, इनमें तेजी नहीं देखी गई है। इससे किसानों में मायूसी के साथ ही परेशानी भी बनी हुई है। निराशा है। ऑफ सीजन में गेहूं के दाम (gehu ka latest rate) में जोरदार बढ़ोत्तरी से जहां गेहूं उत्पादक खुश हैं वहीं सोयाबीन बोने वाले किसान को लागत निकालने में भी मुश्किल आ रही है।
ऑफ सीजन में मंडियों में आ रहा गेहूं
इस समय गेहूं के अधिक रेट मिलने के कारण सोयाबीन (soyabean ka bhav)के सीजन में भी गेहूं की आवक बढ़ने लगी है। अनेक किसान मंडियों में गेहूं लेकर पहुंच रहे हैं। हालांकि अभी भी कई किसानों ने इस चक्कर में गेहूं को स्टॉक किया हुआ है कि दिसंबर में भाव और अधिक हो सकते हैं। इसके पीछे ब्याह शादी के सीजन को कारण माना जा रहा है। अभी नई गेहूं की फसल की आवक होने में भी लंबा समय है, इसलिए गेहूं के दामों में गिरावट की संभावनाएं कम ही नजर आ रही हैं।
सरकार OMSS यानी ओपन मार्केट सेल स्कीम (open market sale scheme) के जरिये सस्ता गेहूं बाजार में उतारे तो भावों पर लगाम लग सकती है। हालांकि सरकार गेहूं के दाम नियंत्रित करने का प्रयास करने में जुटी है, लेकिन इसका अभी तक असर नहीं दिखा है। सरकार की ओर से सस्ता भारत आटा (bharat aata ka rate) जरूर मार्केट में उतारे जाने की बात कही जा रही है।
गेहूं का रकबा व उत्पादन बढ़ने की उम्मीद जगी
इस बार सरकार की ओर से भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (Wheat MSP)में बढ़ोतरी के प्रयास किए गए। गेहूं का अच्छा भाव मिलने से किसान खुश हैं। इस कारण इस बार गेहूं का रकबा बढ़ सकता है और उत्पादन व मंडियों में आवक का आंकड़ा भी पहले की अपेक्षा बढ़ सकता है। पिछली बार 10 हजार हैक्टेयर रकबा ही गेहूं उपज का बढ़ा था, जो इस बार और ज्यादा हो सकता है। एमपी में हजारों हैक्टेयर में गेहूं बोया जा चुका है, जबकि अभी और भी बिजाई (gehu ki bijayi kab kre)की जा रही है। यह आंकड़ा कई लाख हैक्टेयर तक पहुंच सकता है।
सोयाबीन के गिरते भाव चिंता का कारण
सोयाबीन के गिरते दाम किसानों के लिए चिंता का कारण बने हुए हैं। सोयाबीन के दाम अभी तक 4550 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास ही बने हुए हैं। जब सोयाबीन की बिजाई (soyabean cultivation)चल रही थी तो इसके भाव 5000 रुपए प्रति क्विंटल से ऊपर थे। जब भी इसे बेचने का समय आता है तो भाव (soyabean ka latest rate) फिर गिर जाते हैं। इसलिए किसानों में मायूसी है। सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल (soyabean ka MSP) है, लेकिन इसके बावजूद किसानों को भाव कम मिल रहे हैं। इसके विपरीत गेहूं का एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल है और किसानों को अपना गेहूं 3 हजार रुपये प्रति क्विंटल से भी ऊपर मिल रहे हैं।
अभी और बढ़ सकते हैं गेहूं के दाम
सोयाबीन की खेती करने वाले कई किसानों का कहना है कि सोयाबीन का तेल (soyabean oil rate)महंगा हो गया, लेकिन सोयाबीन के रेट गिर गए, ऐसा होना निराशाजनक है। बता दें कि गेहूं, धनिया, चना, सोयाबीन सभी प्रकार के अनाज व उपज के भाव राष्ट्रीय कृषि बाजार से ही तय होते हैं। इस पर गुणवत्ता, मांग और आपूर्ति की अहम भूमिका होती है। पिछले तीन-चार महीने से गेहूं के दामों में भारी उछाल है और आगे भी गेहूं के दाम (wheat price in UP) और बढ़ सकते हैं। जबकि सोयाबीन में मंदी का दौर चल रहा है।
दो दिन बंद रहेगी मंडी
देश के अधिकतर राज्यों में आने वाले दो दिनों तक मंड़ी का अवकाश रहने की वजह से मंडियों में नीलामी (mandi news)का कार्य बंद कर दिया गया है। प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक 24 नवंबर और 25 नवंबर को अवकाश रहने के आसार हैं। जिसकी वजह से मंडी में नीलामी कार्य बंद कर दिया गया है। किसानों को कहा गया है कि मंडी में अपनी उपज मंगलवार को ही लेकर पहुंचें। एमपी की ब्यावर मंडी (mp gehu ka rate)के लिए तो ये निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं।
गेहूं-सोयाबीन के उत्पादन व रेट का आंकड़ा
149010 हैक्टेयर में है गेहूं की उपज
2425 रुपए क्विंटल है समर्थन मूल्य
3100 रुपए क्विंटल तक मंडी में बिक रहा गेहूं
340005 हैक्टेयर में बोया था सोयाबीन
4892 रुपए है समर्थन मूल्य
4510 रु.क्विंटल तक मंडी में बिक रहा सोयाबीन
पिछले दिनों ऐसा रहा गेहूं व सोयाबीन का भाव
तारीख गेहूं सोयाबीन
23 नवंबर 2815-2982 3302-4305
22 नवंबर 2825-2945 3293-4210
21 नवंबर 2816-2937 3193-4148
20 नवंबर 2852-3986 3504-4407
19 नवंबर 2834-3015 3302-4352
(नोट : गेहूं व सोयाबीन सहित अन्य अनाजों के भाव अपडेट होते रहते हैं, इसलिए नजदीकी अनाज मंडी से भी ताजा भाव पता कर सकते हैं।)