Mustard Oil Price : होली का त्योहार 15 मार्च से शुरू होने जा रहा है ऐसे में आपको बता दें की होली से पहले महंगाई ने मिडिल क्लास की जेब पर असर डालना शुरू कर दिया है। बता दें कि खाने-पीने की चीजों के रेट लगातार बढ़ते जा रहा है। जिससे त्यौहार एक की बजट गड़बड़ा सकता है। वही खाने के तेल की कीमत 5% बढ़ता हुआ देखा जा रहा है और गेहूं की कीमतों में भी जल्द ही बढ़ोतरी होने की संभावना जताए जा रहे हैं। आपको बता दें कि केंद्र सरकार के द्वारा रवि फसलों के लिए एमएसपी पहले मैं बढ़ोतरी के चलते गेहूं ₹5 प्रति किलो तक महंगा हो सकते है।
वहीं रुपए की कमजोरी के कारण विदेशी फसलों, मेवों और सुख मेवों के कीमत भी बढ़ सकते है। वहीं भारतीय रसोई में उपयोग होने वाले खाने के तेल का 60% आयान किया जाते है और फरवरी में तेल उत्पादक देशो में कीमतें बढ़ने से सोयाबीन, सूरजमुखी और पाम तेल के खुद दामों में₹5 से ₹6 प्रति किलो की बढ़ोतरी देखे गए हैं।
Mustard Oil Price : बढ़ते महंगाई के पीछे है दो मुख्य कारण है
आपको बता दे की खाने-पीने की चीजों की बढ़ाते महंगाई के पीछे दो मुख्य कारण है। आपको बता दें कि रुपए की गिरती कीमत और केंद्र सरकार द्वारा रवि सीजन 2025- 2026 के लिए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी आपको बता रहे थे। सरसों का नया एसपी 5950 रुपए प्रति क्विंटल तक किए गए हैं। जो पिछले वर्ष की तुलना में ₹300 की तेजी देखने को मिले हैं। वही चने का एसपी₹200 बढ़कर 5650 प्रति क्विंटल हो गए हैं। वहीं गेहूं के एसपी में भी बढ़ोतरी देखने को मिले हैं। जिससे मार्केट में गेहूं के दाम ₹500 प्रति क्विंटल तक बढ़ सकते हैं। वहीं इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा और गेहूं की कीमत में ₹5 प्रति किलो तक की बढ़ोतरी देखने को मिल सकते है।
आप सभी को बता दें कि सरकार ने रवि फसलों के एसपी में बढ़ोतरी किसने की आय में सुधार के उद्देश्य किए हैं। वही एसपी वह न्यूनतम मूल्य होता है। जिस पर सरकार किसानों से उनकी फसल खरीदने की गारंटी देते हैं। वही यह मूल्य फसल उत्पादन लागत, बाजार की स्थितियां और अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए तय किए जाते हैं।
Mustard Oil Price : रुपए की गिरावट से बड़ी है महंगाई
आप सभी को बता दें कि रुपए के कमजोरी होने से महंगाई पर और दबाव बढ़ रहे हैं। मीडिया रिपोर्टर से मिली जानकारी के मुताबिक आप सभी को बता दें कि रुपए के गिरते मूल्य का असर मार्च तक आयातीत सेब और कीवी की कीमतों पर दिखाई देंगे वही खाने के तेल में भी तेजी दर्ज किया गया है। ऐसे में आपको बता दे की पाम तेल की कीमत 4.28 प्रतिशत बढ़कर 146 रुपए प्रति किलो हो गए हैं। जबकि सोयाबीन तेल 5.4% बढ़कर 135 रुपए प्रति किलो और सूरजमुखी तेल 3.2 प्रतिशत बढ़कर 158 रुपए प्रति किलो पहुंच गए हैं।
बता दे की घरेलू स्तर पर उत्पादित तेलों की कीमतें भी चढ़ रहे हैं। वही सरसों का तेल 163 रुपए से बढ़कर 166 रुपए प्रति किलो, मूंगफली का तेल 183 रुपए से 185 रुपए प्रति किलो और बिनौला तेल 125 रुपए से 131 रुपए प्रति किलो हो गए हैं। बता दे की विशेषज्ञों का कहना है कि अगर रुपए में और गिरावट देखने को मिलता है तो कीमत और बढ़ सकते हैं। क्योंकि देश की 60% तेल की मांग आयात से पूरे होते है।
Mustard Oil Price : दिसंबर महीने में हुए थे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खान की तेल की कीमतों में गिरावट
आपको बता दें कि दिसंबर महीने में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खान की तेल की कीमतों में गिरावट ने रुपए की कमजोरी के प्रभाव को कुछ हद तक संतुलित किए थे। हालांकि अब हालात बदल रहे हैं। ऐसे में पंप तेल की सप्लाई में कमी और अर्जेंटीना व ब्राज़ील में खराब मौसम के कारण सूरजमुखी और सोयाबीन तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रहे हैं।
वही सिर्फ तेल ही नहीं, फलों की कीमतें भी बढ़ गए हैं। वहीं दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में अच्छे किस्म के सब की कीमतों में 8 से 10% तक का इजाफा देखने को मिल गया है।