अगर मूंग की खेती करने वाले किसान पीला मोजेक रोग से परेशान हैं तो चिंता न करें, इस लेख में आपको इसकी रोकथाम के बारे में जानकारी दी गई है-
मूंग की फसल में पीला मोजेक रोग
मूंग की खेती में किसान मुनाफे में रहते हैं, इसे गर्मियों की मुख्य फसलों में गिना जाता है, जो करीब 55 दिनों में तैयार हो जाती है और किसान अच्छी कमाई भी कर लेते है। लेकिन अगर मूंग की फसल में पीला मोजेक नामक रोग लग जाए तो उत्पादन प्रभावित हो सकता है, इससे किसानों को नुकसान हो सकता है। कुछ एक्सपर्ट कहते हैं कि यह एक वायरल रोग है जो सफेद मक्खी के कारण एक पौधे से दूसरे पौधे में फैलता है, तो आइए आपको बताते हैं कि कृषि वैज्ञानिक ने क्या सलाह दी है, किसानों को क्या उपाय करने चाहिए।

मूंग की फसल को पीला मोजेक रोग से कैसे बचाएं
नीचे लिखे तीन बिंदुओं के अनुसार, अगर मूंग की फसल में पीला मोजेक रोग लग जाए तो क्या करना चाहिए-
- कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर किसान भाई मूंग की खेती कर रहे हैं तो उन्हें समय-समय पर खेत का निरीक्षण करते रहना चाहिए। अगर फसल में कोई रोग से संक्रमित पौधा दिखाई दे तो उसे तुरंत उखाड़ कर नष्ट कर देना चाहिए। ताकि दूसरे पौधे उससे संक्रमित न हो जाएं।
- इसके अलावा अगर किसानों को खेतों में पीला चिपचिपा रोग या सफेद मक्खी दिखाई दे तो उन्हें खेतों में यलो स्टिकी ट्रैप /पीला चिपचिपा जाल लगाना चाहिए या यह ऑनलाइन ₹200-250, ₹300 में उपलब्ध है और इसे खेत में लगाने से फसल को कोई नुकसान नहीं होता बल्कि उसमें कीड़े चिपक जाते हैं।
- कृषि विभाग के अधिकारियों ने यहां दो दवाओं के नाम भी बताए यह एक कीटनाशक है जिसमें यह दोनों दवाएं थायोमेथोक्जाम 25 डब्ल्यूजी की 40 ग्राम मात्रा या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल की 50 मिली हैं। जिन्हें आप 100 से 125 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ दी गई मात्रा के अनुसार स्प्रे कर सकते हैं। कोई भी दवा शाम को या सुबह के समय भी स्प्रे कर सकते हैं दोपहर के समय स्प्रे नहीं करना चाहिए वरना इसका असर फसल पर पड़ता है।